Gita 10:24

Gita Chapter-10 Verse-24


पुरोधसां च मुख्यं मां विद्धि पार्थ बृहस्पतिम् ।
सेनानीनामहं स्कन्द: सरसामस्मि सागर: ।।24।।



पुरोहितों में मुखिया बृहस्पति[1] मुझको जान। हे पार्थ[2] ! मैं सेनापतियों में स्कन्द और जलाशयों में समुद्र हूँ ।।24।।

Among the priests, Arjuna, know Me to be their chief, Brhaspati. Among warrior-chiefs, I am Skanda (the generalissimo of the gods); and among the waters; I am the ocean. (24)




अध्याय दस श्लोक संख्या
Verses- Chapter-10

1 | 2 | 3 | 4, 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12, 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42

Chapter
One (1) | Two (2) | Three (3) | Four (4) | Five (5) | Six (6) | Seven (7) | Eight (8) | Nine (9) | Ten (10) | Eleven (11) | Twelve (12) | Thirteen (13) | Fourteen (14) | Fifteen (15) | Sixteen (16) | Seventeen (17) | Eighteen (18)

References and context

  1. Mahabharata के अनुसार बृहस्पति महर्षि अंगिरा के पुत्र तथा देवताओं के पुरोहित हैं।
  2. पार्थ, भारत, धनंजय, पृथापुत्र, परन्तप, गुडाकेश, निष्पाप, महाबाहो सभी अर्जुन के सम्बोधन है।