Gita Govinda -Jayadeva 32

Gita Govinda -Shri Jayadeva Gosvami

Act One : sämoda dämodaraù

The Delighted Captive of Love

Scene One

Song 1

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The musical mode is mälava-gauòa räga and the rhythm is rüpaka täla.

मालवगौड़रागेण रूपकतालेन च गीयते ॥प्रबन्ध:॥1॥

प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदं
विहितवहित्रचरित्रमखेदम् ।
केशव धृत-मीनशरीर
जय जगदीश हरे ॥ध्रुवपदम् ॥5॥

क्षितिरतिविपुलतरे तिष्ठति तव पृष्ठे
धरणि-धरणकिण-चक्रगरिष्ठे ।
केशव धृत-कूर्मशरीर
जय जगदीश हरे ॥6॥

वसति दशनशिखरे धरणी तव लग्ना
शशिनि कलकंकलेव निमग्ना ।
केशव धृत-शूकररूप
जय जगदीश हरे ॥7॥

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References and Context